housekeeping business plan

दोस्तों एक बहुत ही अच्छा स्वरोज़गार का आईडिया ले कर हम आए हैं इस पोस्ट में जो कि है हाउसकीपिंग एजेंसी का बिज़नेस। दोस्तों बहुत ही डिमांड वाला यह बिज़नेस है और काफी आसानी से सुरु किया जा सकता है , अगर आप सही से चला सकें तो महीने के लाखों रुपये आसानी से कमा सकते हैं। तो चलिए आपको पूरी जानकारी देते हैं ताकि आप भी इस बिज़नेस को आसानी से सुरु कर सकें।

हाउसकीपिंग एजेंसी क्या काम करती है

दोस्तों हाउसकीपिंग का मतलब है किसी भी स्थान की साफ़ सफाई कर उस जगह को स्वच्छ रखना । हमारे देश में तो पहले से ही स्वच्छता अभियान सरकार द्वारा चलाया जा रहा है जिस वजह से भी इस बिज़नेस की काफी अच्छी संभावना बनी हैं। आप ये समझिये कि पूरे देश में बड़े बड़े सरकारी और प्राइवेट ऑफिस हैं , संस्थाएं हैं , एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन हैं, स्कूल कॉलेज हैं , हॉस्पिटल हैं , होटेल हैं और इन सभी जगहों में साफ़ सफाई का काम हर रोज़ होता है। तो ये कौन करता है? जी हाँ ये काम किया जाता है किसी हाउसकीपिंग एजेंसी के द्वारा और आप समझिये कि इनका कॉन्ट्रैक्ट कितना बड़ा होगा और वो भी हर रोज़ होने वाला और कभी न ख़तम होने वाला काम।

इसी लिए अगर अच्छी तरह से चलाया जाए तो होउसकीपिंग एजेंसी का बहुत अच्छा मुनाफा होता है। हाउसकीपिंग का काम दो तरह से किया जाता है

  • घरेलु हाउसकीपिंग – Household Housekeeping
    • इसमें हाउसकीपिंग एजेंसी घरों में काम के लिए मैड या हेल्पर नियुक्त करती है जिनका काम साफ़ सफाई , बर्तन धोना , कपडे धोना आदि होता है। इसमें ग्राहक एजेंसी से संपर्क कर अपने घर के लिए मैड रखते हैं ग्राहक उसको खुद साफ़ सफाई का सामान देते हैं और महीने का खर्चा देते हैं, इससे ग्राहक को ये फायदा होता है कि अगर किसी वजह से आपकी रोज की मैड छुट्टी पर होती है तो एजेंसी से दूसरी मैड आ कर काम कर देती है। बड़े शहरों में मैड एक आवश्यकता बन गई है और ऐसी एक एजेंसी एक सोसाइटी में ही लगभग 100 से ऊपर घरों को सेवा देती है और अच्छा पैसा कमाती है।
household

  • कमर्शियल हाउसकीपिंग – Commercial Housekeeping
    • कमर्शियल हाउसकीपिंग में एजेंसी के काम या तो बड़े और स्पेशलाइज्ड होते हैं जैसे कि बिल्डिंग के बाहर के काँच की सफाई, पूल की सफाई , पेस्ट कंट्रोल , वेस्ट डिस्पोजल, कमर्शियल लांड्री सर्विस आदि या फिर सामान्य साफ़ सफाई का काम।
    • कमर्शियल हाउसकीपिंग के कॉन्ट्रैक्ट भी दो तरीके के होते है
      • वन टाइम वर्क यानी एक बार के काम का छोटी अवधि का कॉन्ट्रैक्ट
      • रिकरिंग वर्क यानी रोज होने वाले काम का लम्बी अवधि का कॉन्ट्रैक्ट
    • हाउसकीपिंग एजेंसी ऐसे कामों का कॉन्ट्रैक्ट ले कर वहाँ अपने एक या एक से अधिक आदमी लगा कर काम पूरा करती हैं।
    • साफ़ सफाई के उपकरण और चीजें खुद एजेंसी को ही खरीदनी पड़ती हैं। कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार काम होने पर एजेंसी को हर महीने का पेमेंट किया जाता है।
    • इनमे मुख्यतः कस्टमर होते हैं
      • सरकारी या प्राइवेट ऑफिस
      • मॉल या शॉपिंग सेंटर
      • उधोग , कारखाना , प्रोडक्शन यूनिट
      • एयरपोर्ट , रेलवे स्टेशन , बस स्टैंड
      • हॉस्पिटल
      • होटेल , रेस्टोरेंट
      • स्कूल , कॉलेज
      • सरकारी संस्था या NGO आदि
हाउसकीपिंग एजेंसी बिज़नेस commercial

दोस्तों दोनों तरीके के बिज़नेस को सुरु करने का तरीका एक जैसा ही है लेकिन हम इस पोस्ट में आपको कमर्शियल हाउसकीपिंग बिज़नेस के बारे में जानकारी देंगे।

कमर्शियल हाउसकीपिंग बिज़नेस कैसे करें – How to do commercial housekeeping agency business

सबसे पहले रिसर्च करें और प्लान बनाएँ

  • दोस्तों इस बिज़नेस को सुरु करने से पहले आपको अच्छी तरह से रिसर्च करनी होगी , जिसमे आपको देखना होगा कि
    • शहर में इस बिज़नेस की कितनी डिमांड है कितने कस्टमर हैं।
    • कितनी एजेंसी पहले से ही इस काम में लगी हुई हैं।
    • किस तरह की सर्विस की डिमांड है और उसका क्या रेट क्या चल रहा है
  • एक बार आपको अगर रिसर्च करने पर सही और उत्साही जानकारी मिलती है तो फिर आप इसका एक साल का प्लान बनाएं। प्लान में सबसे पहले अपनी साल भर की कमाई रखें और फिर रिवर्स कैलकुलेशन करते हुए पता लगाएं कि आपको कितने क्लाइंट जोड़ने पड़ेंगे।
    • अगर हम सोचें कि हमको साल भर में 10 लाख रुपये कमाने हैं तो
      • मान लो एक क्लाइंट से महीने का चार्ज आप लेते हैं 50 हज़ार रुपये
      • उस क्लाइंट को सर्विस देने में आपके खर्च होते हैं 30 हज़ार रुपये , जिसमे 2 हेल्पर की सैलरी और चीजों का खर्चा है।
      • तो आप एक क्लाइंट से महीने के 20 हज़ार और साल के 2.5 लाख कमा लेते हैं।
      • तो इसका मतलब आपको अगर 10 लाख साल में खुद कमाने हैं तो आपके कम से कम 4 क्लाइंट होने चाहिए।

इस तरह अपने चार्ज और खर्चा जोड़ते हुए आप साल भर का एक मोटा मोटा प्लान बना लें। अगर आकड़ों और प्लान के हिसाब से आपको फायदा होता दिख रहा है तो फिर अपने प्लान के किर्यान्वयन में जी जान से लग जाइये और क्लाइंट जोड़ते हुए अपने बिज़नेस को बढ़ाते जाइये और अब आप नीचे दिए हुए निर्देशों के हिसाब से काम करें।

बिज़नेस की जगह तय करें – Select the location or city for business

जैसा की हम सब अच्छी तरह से जानते हैं की किसी भी बिजनेस की सफलता या असफलता में बिजनेस लोकेशन का बेहद महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए हाउसकीपिंग एजेंसी बिज़नेस के लिए आपकी लोकेशन उपयुक्त होनी चाहिए और इस बिज़नेस के लिए सर्वोत्तम जगह हैं बड़े शहर जहाँ क्लाइंट्स काफी ज्यादा हों जैसे गुरुग्राम, दिल्ली, नोएडा, बंगलौर, मुंबई इत्यादि क्योकि आपको अधिकतर ग्राहक कॉर्पोरेट और कमर्शियल सेक्टर से ही मिलेंगे। तो ध्यान रखिये ज्यादा क्लाइंट के लिए बड़े शहर लेकिन अगर आपके प्लान के अनुसार आपके शहर भी उतने क्लाइंट हैं तो भी ठीक है।

अपनी कंपनी का रजिस्ट्रेशन करें – Do your company or agency registration

अब आप उस स्थान या शहर में जाकर सबसे पहले अपनी कंपनी का अच्छा सा नाम सोचें और अपनी कंपनी को रजिस्टर करें और साथ साथ बाकी सरकारी औपचारिकता, परमिशन या लाइसेंस भी लें। ये बहुत जरूरी है क्योंकि कमर्शियल हाउसकीपिंग में आप जब कॉन्ट्रैक्ट लेते हैं तो आपको ये सारी जानकारी कॉन्ट्रैक्ट में भरनी पड़ती है जैसे की कंपनी का नाम , पता , PAN नंबर , GST नंबर आदि।

अपनी कंपनी का ब्रोचर, सर्विस लिस्ट बनाएं और रेट तय करें – Create company Brochure , service list with charges

कंपनी रजिस्टर करने के बाद आप अपनी कंपनी के द्वारा क्लाइंट को कौन कौन सी सर्विसेज दे सकते हैं उनकी एक अच्छी लिस्ट बना लें। हर सर्विस में आप क्या क्या करेंगे उसका भी पूरा ब्यौरा लिख कर रखें और उस सर्विस का रेट अपने खर्चे और मुनाफे के हिसाब से तय करें। और इन सब सर्विस के साथ अपनी कंपनी का बहुत बढ़िया प्रिंट में ब्रोचर बना लें जो आपके काफी काम आएगा, जिसमे आपकी कंपनी के बारे मैं जानकारी , सर्विस की जानकारी , पता और कांटेक्ट नंबर सारा कुछ हो।

हाउसकीपिंग एजेंसी बिज़नेस brochure

एक स्टैण्डर्ड प्रपोजल बनाएं – Create a standard proposal

जब भी आप किसी क्लाइंट के पास जाएंगे तो आपसे वो कंपनी का ब्रोचर और आपका प्रपोजल मांगेगा। इसलिए आप ब्रोचर के साथ साथ अपना एक स्टैण्डर्ड प्रपोजल पहली मुलाक़ात में क्लाइंट को दे सकते हो और बाद क्लाइंट से बातचीत के हिसाब से फाइनल प्रपोजल बना कर बाद में दे सकते हो। इस तरह से डील करने में आप प्रोफेशनल लगते हैं इसलिए एक स्टैण्डर्ड प्रपोजल जरूर बना लें जिसमे आप अपनी सर्विस और उसके सारे टर्म्स एंड कंडीशन अथवा नियम और शर्तें सही तरह से लिखें।

कम्पनी संस्थानों में सही लोगों से मिलें और क्लाइंट बनाएं – Meet right people and gain clientele

दोस्तों अब बारी आती है अपने पहले सुरुवाती क्लाइंट बनाने की। सुरुवाती क्लाइंट बनाना सबसे कठिन होता है आपको सही समय पर सही लोगों से मिलना पड़ता है। कई बार आप बहुत मेहनत कर रहे होते हैं क्लाइंट बनाने के लिए लेकिन आपको पता नहीं होता कि सही व्यक्ति कौन है। किसी कंपनी में बहुत सारे डिपार्टमेंट होते हैं जिनकी जिम्मेदारी अलग अलग होती है , हाउसकीपिंग की जिम्मेदारी अधिकतर एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट की होती है या फिर कुछ कंपनी में HR डिपार्टमेंट की भी होती है। आपको इन्ही डिपार्टमेंट के सही लोगों से संपर्क बनाना है।

सुरुवात में आपको बहुत मेहनत करनी है इसके लिए सबसे पहले कंपनी , संस्थानों की लिस्ट बनाएं , वहां किनसे मिलना है वो पता लगाएं उनका अपॉइंटमेंट लें और एक बेहतरीन प्रपोजल के साथ उनको मिलें। हो सकता है सुरुवाती क्लाइंट बनाने के लिए आपको कम या फिर बिना प्रॉफिट के भी काम करना पड़े तो झिझकें नहीं क्योंकि आपको सुरुवात की जरूरत है , प्रॉफिट तो 2-3 महीने में आ जाएगा।

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बहुत सारी सरकारी संस्थांएँ, सरकारी डिपार्टमेंट, एयरपोर्ट, स्कूल, कॉलेज , NGO आदि समय समय पर अलग अलग हाउसकीपिंग कामों के लिए टेंडर निकालते रहते हैं, और इसकी जानकारी अख़बारों या वेबसाइट पर डालते हैं। ध्यान रहे कि आपको लगातार ऐसी जानकारी मिलती रहे, और आप भी इनमे अपने टेंडर भरें और काम लें, जो बहुत फायदेमंद हो सकता है।

मैनपावर , मशीनरी और उपकरण का प्रबंध करें – Arrange for manpower, machines and equipment needed

दोस्तों जब एक बार आपको क्लाइंट मिल गया या आपने कोई टेंडर उठा लिया तो फिर बिना देरी किये काम शुरू करने की तैयारी कर दीजिये और इसमें आपको तो चीजों की बहुत जरूरत होगी।

  • मैनपावर या कर्मचारी जोड़ें – दोस्तों कमर्शियल होउसकीपिंग का काम अकेले से नहीं हो सकता ना ही कोई कंपनी एक आदमी को ही हाउसकीपिंग के लिए रखती है। कमर्शियल हाउसकीपिंग में एक ही क्लाइंट के पास हाउसकीपिंग एजेंसी के लगभग 4-5 वर्कर काम करते हैं जिनके काम अलग अलग होते हैं और ये एक टीम की तरह उस पूरे ऑफिस की साफ़ सफाई से लेकर चाय पानी और कई छोटे मोटे काम करते रहते है। क्लाइंट के कर्मचारी न होने के कारण इसमें क्लाइंट का भी फायदा होता है और क्लाइंट हमेशा ऐसे कामों के लिए हाउसकीपिंग एजेंसी का ही सहारा लेती हैं।
    • एक सफल हाउसकीपिंग एजेंसी में मैनपावर बहुत जरूरी है और आपका पूरा बिज़नेस और प्रॉफिट सारा का सारा सीधा सीधा जुड़ा है आपके कर्मचारियों की संख्या , उनकी सैलरी और उनकी कार्यकुशलता पर। तो दोस्तों अपनी एजेंसी में अच्छे , मेहनती , ईमानदार कर्मचारी लगातार जोड़ते जाएं और जिनको एक्सपीरियंस नहीं भी है उनको ट्रेनिंग दे कर अपने क्लाइंट के काम के लिए तैयार करें।
  • मशीनरी और उपकरण का प्रबंध करें – मैनपावर के प्रबंध के बाद अब बात आती है साफ़ सफाई में काम आने वाली मशीनरी , उपकरण और चीजों की जो इस काम को करने में लगेंगी। वैसे ये बातें कॉन्ट्रैक्ट या टेंडर में पहले से ही लिखी होती हैं कि उनका प्रबंध किसको करना है और अधिकतर देखा जाता है कि ये चीजें भी हाउसकीपिंग एजेंसी को ही प्रबंध करने को दे दी जाती हैं ताकि क्लाइंट इनके रख रखाव , रिपेयरिंग आदि के झंझट से बचा रहे। इनमे जो मुख्यतः चीजें होती हैं वो हैं
    • छाड़ू , पोछा , मोप , वाईपर , सफाई के तोलिये , टिश्यू पेपर , टॉयलेट रोल आदि
    • वैक्यूम क्लीनर मशीन अच्छी क्वालिटी की साइलेंट मशीन लें।
    • साथ साथ क्लीनिंग शैम्पू , केमिकल्स , बकेट , स्प्रे बोतल आदि
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जो मशीनरी और उपकरण आप खरीदते हैं उसका इस्तिमाल अगर बड़ा क्लाइंट है तो केवल उसी के लिए होता है नहीं तो एक टीम उन्ही उपकरणों की मदद से दिन भर मैं 4 से 5 क्लाइंट तक निपटा सकती है।

क्लाइंट को बहुत अच्छी सर्विस दें – Give great service to clients

दोस्तों अब आपके पास क्लाइंट भी है , मैनपावर भी है और मशीनरी एवं उपकरण भी हैं तो अब आप अपने क्लाइंट के कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार सारे काम करने शुरू कर दें। आप ये बिलकुल ध्यान रखें कि आपको क्लाइंट को सही समय पर सही तरीके से अच्छी से अच्छी सेवा देनी है जिससे आपकी एजेंसी का नाम भी होगा, आपका कॉन्ट्रैक्ट भी लम्बा चलेगा और आपको फिर से कॉन्ट्रैक्ट मिलेगा। अपने काम करने वाले कर्मचारियों के चयन में बहुत सावधानी रखें और अच्छे मेहनती लोग रखें क्योकि रोज वही लोग क्लाइंट से मिलते हैं आप नहीं।

कर्मचारियों की ट्रैनिन और काम का निरीक्षण करें – Monitor and train your manpower

दोस्तों जैसा की हमने बताया आपकी हाउसकीपिंग एजेंसी बिज़नेस का पूरा काम आपके कर्मचारी ही करते हैं इसलिए आपको अपने कर्मचारियों के ऊपर विशेष ध्यान देना होता है

  • सही और क्वालिफाइड कर्मचारी ही रखें जो स्वाभाव में , दिखने में और बोलचाल में अच्छे हों।
  • क्लाइंट के हिसाब से सही संख्या में अपनी एजेंसी में कर्मचारी भर्ती करें , कम लोगों से ज्यादा काम कराने की न सोचें।
  • समय समय पर क्लाइंट के पास जा कर अपने कर्मचारियों का निरिक्षण करें और क्लाइंट से फीडबैक लें।
  • अपने कर्मचारियों की समय समय पर ट्रेनिंग जरूर देते रहे जैसे कि काम करने का तरीका , मशीन चलाने का तरीका , कितना सामान इस्तेमाल करना है कैसे इस्तेमाल करना है आदि।
हाउसकीपिंग एजेंसी बिज़नेस manpower

अपनी एजेंसी की मार्केटिंग करें – Do marketing of your agency

दोस्तों मार्केटिंग हर बिज़नेस को बढ़ने और ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए बहुत जरूरी है। आप भी चाहते हैं कि आपकी हाउसकीपिंग एजेंसी को नए नए क्लाइंट्स मिलते रहें और आपकी एजेंसी भी बड़ी से बड़ी बनते हुए प्रगति करती रहे तो इसके लिए आपको भी अपनी एजेंसी का प्रचार प्रसार या मार्केटिंग करनी बहुत जरूरी है। ये मार्केटिंग आप निम्नलिखित तरीकों से कर सकते हैं।

  • क्लाइंट से रिलेशनशिप बढ़ाएं – सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण काम है अपने अभी के क्लाइंट के साथ साथ नए क्लाइंट्स में जो सही डिपार्टमेंट के लोगों हैं जो आपको काम दिला सकते हैं उनके साथ अच्छे रिश्ते बना कर रखें और नए लोगों से रिश्ते बनाते जाएं। अपने कंपनी ब्रोचर और प्रपोजल ले कर नए नए क्लाइंट्स को दें और उनसे लगातार संपर्क में रहे।

  • सही सर्विस प्रदान करें – अपने क्लाइंट की और कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से बेहतरीन सर्विस दें। इसमें समय पर काम होना , सही तरीके से काम होना , सही तकनीक से काम करना सब शामिल है।

  • ब्रोचर और पम्पलेट बाटें – इस हाउसकीपिंग एजेंसी बिज़नेस में आपकी कंपनी का बहुत ही सुंदर ब्रोचर होना बहुत जरूरी है क्योकि इसको ही आप क्लाइंट को देते हो। इसमें आपकी कंपनी , आपकी सर्विसेज, और सारी महत्वपूर्ण जानकारी के साथ आपका कांटेक्ट नंबर और पता भी होना चाहिए। जितने भी क्लाइंट से आप मिलें सबको अपने ब्रोचर देते जाएं। अगर कहीं पर एक्सिबिशन , ट्रेड मेला आदि लगा हुआ हो जहाँ बहुत सारी कंपनी के लोग आपको एक साथ मिल सकते हैं तो वहां जरूर जाएं और हो सके तो एक छोटा स्टाल या कीओस्क लगा कर अपनी कंपनी का प्रचार करें।

  • ऑनलाइन मार्केटिंग करें – आजकल ऑनलाइन का जमाना है तो आप भी पीछे न रहें ऑनलाइन मार्केटिंग से आप बहुत सारी इंक्वाइरी जुटा सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले अपनी अच्छी सी वेबसाइट बनाएं जिसमे ब्रोचर की तरह सब जानकारी हो साथ में वीडियो भी डालें। अपनी वेबसाइट की मार्केटिंग करें। फेसबुक व्हाट्सअप पर भी अपना अकाउंट बनाएं और लोगों को अपने बिज़नेस से जोड़ते जाएं उन्हें अपने बिज़नेस से सम्बंधित पोस्ट , फोटो , वीडियो आदि साझा करें।

तो दोस्तों इस तरह अपने हाउसकीपिंग एजेंसी की मार्केटिंग करते हुए आप नाम बना कर नए नए क्लाइंट्स बना सकते हैं जिससे आपके बिज़नेस के साथ साथ आपकी कमाई भी बढ़ेगी।

इस बिज़नेस का रिस्क – Risk involved in the business

दोस्तों हर बिज़नेस में कुछ न कुछ रिस्क होता ही है तो हाउसकीपिंग एजेंसी बिज़नेस में भी रिस्क हैं जो हम आपको यहाँ बता रहें हैं ताकि आपको पता हो और आप उसके हिसाब से बेहतर काम कर सकें

  • पहला रिस्क है मैनपावर का – क्योकि आपका सारा काम आपके कर्मचारी करते हैं तो उनके आचार व्यव्हार और काम करने के तरीके पर पूरी तरह आपका बिज़नेस टिका हुआ है. अपनी कर्मचारियों पर पूरा कण्ट्रोल रखें ताकि वो आपके निर्देशों का सही पालन करें।
  • दूसरा रिस्क नॉन पेमेंट का – कई बार ऐसा हो सकता है की परेशानियाँ क्लाइंट की तरफ से आएं जैसे कि क्लाइंट खुश नहीं है और उसकी वजह से आपके बिल क्लियर नहीं हो रहे आपको पेमेंट टाइम पर नहीं मिल रहा या बिलकुल नहीं मिल रहा। तो ऐसी बातों का क्लाइंट के साथ बैठ कर सही समाधान निकालें। या पहले ही क्लाइंट की पहचान या रिसर्च कर लें कि उसकी पेमेंट सिस्टम कैसा है।
  • एक्सीडेंट या डैमेज रिस्क – हाउसकीपिंग में कई काम ऐसे होतें हैं जिनमे डैमेज और एक्सीडेंट होने की संभावनाएं होती हैं और अगर आपने इनके लिए पहले से तैयारी न कर रखी हो तो आप मुसीबत , जुर्माना आदि में फंस सकते हैं। इसके लिए सबसे सही उपाय है कॉन्ट्रैक्ट करते समय साफ़ साफ़ अक्षरों में ऐसी परिस्थिति में क्या करना है , कैसा करना है वो सब क्लाइंट के साथ एग्रीमेंट कर के रखें।

तो दोस्तों ये थी आपके लिए हाउसकीपिंग एजेंसी बिज़नेस के बारे मैं जानकारी । हमें आशा है कि आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी। हाउसकीपिंग एजेंसी बिज़नेस बहुत ही सफल बिज़नेस है जिसकी शहरों में बहुत ज्यादा डिमांड है , सही तरह से चलाने पर आप इसमें बहुत अच्छा पैसा कमा सकते है और स्वयं के स्वरोज़गार के साथ साथ दूसरों को भी नौकरी दे सकते हैं।

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