how to start business in india

नमस्कार दोस्तों, यदि आप किसी भी तरीके का बिजनेस स्टार्ट करने की सोच रहे हैं तो यह पोस्ट आपके लिए बहुत फायदे की हो सकती हैं क्योकि इस पोस्ट में हम आपको अपना बिजनेस कैसे शुरू करें इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं जो आपके लिए साहयक हो सकती है।

दोस्तों अपना खुद का बिज़नेस करना बहुत से लोगों का सपना होता है और क्योकि आप इस पोस्ट को पढ़ रहे हैं इसका मतलब ये आपका भी सपना है। हमें अपने आस पास बहुत से लोग दिखते हैं जो अपना बिज़नेस कर रहे हैं। बिज़नेस चाहे छोटा हो या फिर बड़ा इससे फरक नहीं पड़ता अगर आप उसमे पैसा कमा रहे हैं और अच्छी जिंदगी खुद भी गुजार रहे हैं और अपने परिवार का भी ख्याल रख रहे हैं।

हमारी यही शुभकामना है कि आप भी अपना एक सफल बिज़नेस करें। तो चलिए आपको बताते हैं कि कैसे आप अपना बिज़नेस सुरु कर सकते हैं और इसके लिए आपको क्या क्या चीजें करनी चाहिए।

1. किस तरह का बिज़नेस करें – ( Type of Business )

सबसे पहले आपको यह निश्चिय करना होगा कि आप किस तरह का बिज़नेस करना चाहते हैं। और आप किस चीज का बिज़नेस करना चाहते हैं या इस बिज़नेस मैं आप क्या करने वाले हैं। क्या आप कोई सर्विस देने वाले हैं, या कुछ ट्रेडिंग करने वाले हैं या कोई चीज बना के बेचने वाले हैं। तो बिज़नेस की ये तीन केटेगरी होती हैं।

  • सर्विस ( Service Business ) :-  इसमें आप अपनी प्रोफेशनल योग्यता के आधार पे लोगो को अपनी सेवाएं देते हैं और इसका पैसा आप लोगों से लेते हैं। जैसे कि कंस्ट्रक्शन , लेबर , इलेक्ट्रीशियन, मैकेनिक, आर्किटेक्ट , डॉक्टर , रेस्टोरेंट , सलून और अन्य तरीके के कंसल्टिंग कार्य।
  • मर्चेंडाइजिंग ( Trade Business ) :-  इस तरीके के बिज़नेस मैं आप चीजों को खरीदते बेचते हैं चाहे रिटेल, होलसेल, ट्रेडिंग या डिस्ट्रीब्यूशन कर के और उससे पैसा कमाते हो। जैसे ग्रोसरी और डिपार्टमेंट स्टोर्स, रेटल की दुकान, ऑनलाइन रिसेलर्स, डेरी, अंडे या अन्य कोई भी वस्तु।
  • मैन्युफैक्चरिंग ( Manufacturing Business ) :- इस तरीके के बिज़नेस मैं आप कच्चा माल खरीद कर चीजों को पहले बनाते हो और फिर आप उनको बेचते हो और पैसे कमाते हो। जैसे अगरबत्ती, चिप्स, बिस्कुट, आइसक्रीम से ले के कार , टीवी , फ्रिज और अन्य जरूरी सामान.

2. कौन आपके ग्राहक होंगे और कितने होंगे – Who and how many customers will you have.

एक बार आपने सोच लिया कि आप किस तरह का बिज़नेस करेंगे और उसमे क्या करेंगे , फिर आपके लिए सबसे जरूरी चीज ये जानना है कि आपके कस्टमर या ग्राहक कौन लोग होंगे , वो आपको कितने मिलेंगे। आपके बिज़नेस की पूरी सफलता आपके कस्टमर तय करते हैं. इस बात की पहले ही पूरी रिसर्च कर लें की जो आप बिज़नेस करने जा रहे हैं उसकी डिमांड या बाज़ार कितना बड़ा है।

3. बिज़नेस लोकेशन – Business Location

इसके बाद जो बात आती है वो ये कि आप अपना बिज़नेस कहाँ पे करें। ये मान के चलिए कि आपके आस पास ही आपके कस्टमर होंगे तो आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी, आपका ग्राहकों तक पहुंचने का खर्चा कम होगा और आपकी मार्केटिंग अच्छी हो सकती है। साथ साथ ये भी समझिये कि उस लोकेशन मैं ग्राहक और बढ़ने की संभावनाए भी होनी चाहिए।

4. आपके कंपटीटर – Your existing and future competitors

जब आप कोई भी बिज़नेस सुरु करें तो पहले ये जरूर देख लें कि जो आप करना चाहते हैं कितने लोग पहले से ही आप ही जैसा बिज़नेस कर रहे हैं उसी जगह और कितने और आने की सम्भावना है। अगर आप सफल होना चाहते हैं तो आपको उनसे बेहतर करना होगा या किसी और जगह करना होगा जहाँ कम्पटीशन कम हो नहीं तो आपके ग्राहक बंट जाएंगे और बिक्री कम हो सकती है।

5. सुरुवाती खर्चा – Capital Investment

आप अपने बिज़नेस का एक प्लान जरूर बनाए और देखें कि आपको बिज़नेस सुरु करने के लिए कितना सुरुवाती ख़र्चा लगेगा। इसके लिए आप पहले एक सूची तैयार करें कि आपको एक व्यवसाय को शुरू करने एवं चलाने के लिए किस – किस चीज में पैसे को खर्च करना होगा। इस सूची में किराया, बिजली-पानी का खर्चा, कच्चे माल मशीनरी का खर्चा, ट्रांसपोर्टेशन , पैकेजिंग मरम्मत, कर्मचारियों के वेतन का खर्च आदि सभी खर्चे शामिल हो सकते है और इन खर्चो को उठाने के लिए पैसों का इंतजाम करे. अपने खर्च और आय का आंकलन जरूर करें और देखें कि आप फायदे मैं रहें या फिर जल्द से जल्द आ सकें ऐसा प्लान बनाएं और उस पर आगे का काम करें।

6. कानूनी प्रक्रिया बिज़नेस का रजिस्ट्रेशन – Registration of business

एक बार आपने यह निश्चय कर लिया कि आपको क्या बेचना हैं किसे बेचना हैं, कहाँ बेचना हैं और आपका प्लान अच्छा है , तो इसके बाद बारी आती हैं कि आप उस व्यवसाय को रजिस्टर करने की और अन्य कानूनी प्रक्रिया जैसे आवश्यक लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन और टैक्स की जानकारी प्राप्त करने जैसी विभिन्न चीजों की आवश्यकता होगी। आप अपने बिज़नेस को प्रोपरायटरी, पार्टर्नशिप या प्राइवेट लिमिटेड रजिस्टर कर सकते हैं। साथ साथ बैंक अकाउंट खोलें , GST रजिस्ट्रेशन भी लें। आप इसके लिए किसी रजिस्ट्रेशन की सर्विस देने वाली कंपनी से संपर्क कर सकते हैं या ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं।

7. मार्केटिंग करें , बिज़नेस बढ़ाएं – Business development and marketing

अब जब आपने ऊपर के सारे पॉइंट्स कर लिए तो अब अपने बिज़नेस को शुरू करें, उसकी अच्छी तरह से मार्केटिंग करें , अपने ग्राहकों को अच्छी सर्विस दें। साथ साथ बाजार के उतार चढ़ाव पे ध्यान रखें और अपने बिज़नेस को धीरे धीरे विस्तार करें, और ज्यादा ग्राहकों तक पहुचें नए क्षेत्रों मैं प्रवेश करें कुछ नए प्रोडक्ट्स भी शामिल करते जाएं और अपने खर्चो और कमाई का ध्यान रखें।

8 . सरकारी अनुपालन – government compliances

इसके बाद एक जरुरी चीज जोकि अक्सर छूट जाती है, वह है हर महीने, 3 महीने एवं साल में   सरकार को रिपोर्ट देना. सरकारी अनुपालन में फाइलिंग, टैक्स का भुगतान, लाइसेंस रेनू आदि चीजे शामिल होती हैं ताकि आप सरकारी जुर्माने जैसी परेशानियों से बचे रहें और निश्चिंत हो कर अपना बिज़नेस करें।

तो इस तरह दोस्तों हमने आपको काफी चीजों के बारे में जानकारी दी है साथ साथ आप अन्य सम्बंधित सरकारी डिपार्टमेंट्स से भी जानकारी हासिल करें और उसके बाद अपने व्यवसाय को शुरू करें ओर उसे संचालित कर लाभ प्राप्त करें.

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