शहर हो या गांव, कई लोग ऐसे हैं जो अपनी पढ़ाई-लिखाई समाप्त करने के बाद अध्यापन का कार्य कर रहे हैं और इस बिज़नेस से अच्छी खासी कमाई भी कर रहे हैं. आजकल के प्रतिस्पर्धा के माहौल मैं विद्यार्थियों को अच्छी पढाई और गाइडेंस का बहुत जरूरत है और ये बात अभिभावक भी बहुत अच्छी तरह से जानते हैं। जिस कारण अपनी कमाई का काफी बड़ा हिस्सा वो शिक्षा पे खर्च करने को तैयार हैं ताकि अपने बच्चो को बेहतरीन शिक्षा देकर उनका जीवन अच्छा बना सकें।
ये चीजें ट्यूशन और कोचिंग सेंटर बिज़नेस शुरू करने के लिए एक प्रेरणा भी हैं जो कि स्वरोज़गार का बहुत बड़ा और अच्छा अवसर भी है। छोटे से शुरुवात कर के आप इस बिज़नेस को बहुत ही बड़े स्तर तक ले जा सकते हैं।
आप ये बिज़नेस दो तरीको से कर सकते हैं – Type of business plan
- छोटे स्तर पे अपने घर या एक कमरे से टुएशन पढ़ा कर
- बड़े स्तर पे ट्यूशन पॉइंट या कोचिंग सेंटर इस्थापित कर
दोस्तों पहला तरीका तो आसान सा है इसलिए आज हम इस पोस्ट मैं आपको बताएंगे की किस तरह से आप दुसरे तरीके का अपना खुद का ट्यूशन पॉइंट या कोचिंग सेंटर खोल सकते हैं और छोटे से सुरुवात कर उसे काफी बड़ा बना सकें । ताकि आप अधिक से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित कर सकें. नीचे कोचिंग सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया से जुड़ी विशेष बातों का जिक्र किया जा रहा है
शिक्षा व्यवस्था को सबसे पहले समझें – Understand education sector
सबसे पहले आपको उस क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था को समझना जरूरी है, जिस जगह पर आप कोचिंग सेंटर खोलना चाहते हैं। मसलन आपको ये जानकारी जरूर होनी चाहिए कि क्षेत्र के स्कूलों मैं कौन सा शिक्षा बोर्ड इस्तेमाल होता है, विद्यार्थी किस तरह के स्कूल में पढ़ते हैं, विद्यार्थियों का ज्यादातर लगाव किस फील्ड से हैं वो सामान्यता आगे क्या बनना चाहते हैं और उन्हें किस तरह की कोचिंग की आवश्यकता पड़ेगी। जैसे कि सिविल सर्विसेज, बैंकिंग, डिफेन्स, कंप्यूटर आदि।
सही विषयो का चयन करें – Choose the right subject to teach
दूसरी बात जो महत्वपूर्ण है वो हैं अपने कोचिंग सेंटर मैं पढाये जाने वाले विषय। अगर आप अकेले ही शिक्षक हैं तो आपको वही विषय पढ़ना चाहिए जिसमे आपको महारत हो या जिस विषय मैं आपने खुद पढाई की हो और डिग्री ली हो। अगर आप और शिक्षकों को अपने कोचिंग सेंटर मैं नौकरी पे रख सकते हैं तो वो भी उन विषयों के हों जो विद्यार्थियों की जरूरत के हों।
सही स्थान का चयन करें – Choose the best place for your center
कोचिंग सेंटर का सही जगह पे होना उसकी सफलता मैं काफी महत्व रखता है। आपका कोचिंग सेंटर ऐसी जगह मैं होना चाहिए जहाँ आपको आस पास ही स्टूडेंट्स मिल जाएँ , या फिर ऐसी जगह जो उनको दूर ना पड़े और वे आसानी से खुद या किसी साधन से पहुंच सकें। सबसे अच्छी जगह कोचिंग सेंटर के लिए होती है या तो किसी स्कूल कॉलेज के आस पास या फिर ऐसी जगह जहाँ विद्यार्थी हॉस्टल हों या काफी स्टूडेंट्स किराये पे रहते हों। अगर आपको इसके लिए थोड़ा किराया खर्चा ज्यादा भी लगे तो भी सही जगह पे समझौता न करें। आपको ये भी ध्यान रखना होगा कि आपके जैसे कितने कोचिंग सेंटर वहां पहले से हैं और आप उनसे बेहतर कैसे होंगे।
कोचिंग सेंटर का बिज़नेस प्लान – create coaching center business plan
किसी भी बिज़नेस की सफलता के लिए एक पहले से प्लान बना लेना बहुत आवश्यक होता है। आप भी अपने कोचिंग सेंटर का फीजेबिलिटी प्लान जरूर बना लें। फीजेबिलिटी प्लान का मतलब है ऐसा प्लान जिसपे चल कर आपको मुनाफा दिख रहा हो। मसलन आप अपने महीने के खर्चे जोड़ें और हिसाब लगाएं कि इन खर्चो को निकालने के लिए आपको कितने स्टूडेंट्स चाहिए और उनसे आप कितनी फीस ले कर खर्चो के साथ साथ अपना प्रॉफिट भी कमा सकते हैं। अगर आपका प्लान आपको लगता हैं की अच्छा है और हासिल करने लायक है तो ही आगे बढ़ें अन्यथा नहीं।
कोचिंग सेंटर खोलने की सामान्य लागत – Cost of starting a coaching center
कोचिंग सेंटर खोलने मैं सबसे ज्यादा खर्चा होता है किराये पे। अगर आपका अपना सेटअप है किसी को किराया नहीं देना तो फिर समझिये आपको फायदा काफी अच्छा होगा। सामान्यतः एक कोचिंग सेंटर मैं एक बड़ा क्लासरूम , एक रिसेप्शन एरिया और कम से कम २ छोटे केबिन होने चाहिए। जो मिला के लगभग 400 sqft तक होता है। अब आप देखिये कि आपको इसका कितना किराया लगेगा आपकी लोकेशन के हिसाब से, सामान्यतः ये खर्चा 15 हज़ार से 25 हज़ार तक जा सकता है । इसके अलावा आपको पहले इंटीरियर, ब्लैकबोर्ड, प्रोजेक्टर , एसी, कंप्यूटर सिस्टम, बैठने के लिए बेंच अथवा चेयर आदि पर खर्च करने की आवश्यकता होती है. आप ये मान के चलें कि ये सेटअप करने के लिए आपको लगभग एक से डेड लाख का शुरुवाती खर्चा उठाना पड़ेगा। और फिर हर महीने किराया , स्टाफ सैलरी , बिजली पानी और अन्य खर्च।
कोचिंग सेंटर से होने वाला लाभ – Profit from coaching business
अगर आपने ऊपर लिखी बातो को ध्यान से क्रियान्वयन कर लिया है और आपने अब अपना कोचिंग सेंटर खोल लिया है तो बारी आती हैं आपकी इनकम की। आपके महीने के खर्चे अब फिक्स हैं, और अब आपके पास जितनी ज्यादा फीस जमा होगी उतना ज्यादा आपका लाभ होगा।
आपकी इनकम का सीधा सीधा लेना होता है इस बात से कि आप के कितने स्टूडेंट्स हैं और आपकी फीस कितनी है। आपके कोचिंग सेंटर की रेपुटेशन जितनी ज्यादा होती जाएगी उतने ज्यादा आपको स्टूडेंट्स मिलेंगे। अपनी रेपुटेशन बढ़ने के लिए स्टूडेंट्स को ईमानदारी से अच्छी शिक्षा और कोचिंग दें, उनकी कठनाईयो को समझें , हर एक स्टूडेंट का ध्यान रखें तो अधिक संख्या में छात्र- छात्राएं आपके कोचिंग सेंटर पर आएंगे और आपको वाजिब फीस भी देंगे।
अपनी इनकम बढ़ाने के लिए आप दिन मैं अलग अलग बैच चला कर कोचिंग दे सकते हैं। अगर आप दिन के एक घंटे के हिसाब से 5 बैच लेते हैं और हर बैच मैं आपको 20 स्टूडेंट हैं जो आपको महीने की 1000 रूपये फीस देते हैं तो आप महीने मैं एक लाख फीस पाते हैं जिसमे आप अपना खर्चा निकाल लें तो अच्छा लाभ आप कमा सकते हैं।
कोचिंग सेंटर की मार्केटिंग करें – Do the marketing of your coaching center
अगर देखा जाए तो कोचिंग सेण्टर को मार्केटिंग की जरूरत कम पड़ती है अगर आप सामान्य विषयो की कोचिंग देते हैं। सबसे बड़ी मार्केटिंग आपके सेंटर की आपके स्टूडेंट ही कर देते हैं अगर आप उन्हें बेहतरीन कोचिंग दे रहे हैं। पर फिर भी अगर आस पास काफी कोचिंग इंस्टिट्यूट हैं तो आप अपने कोचिंग सेण्टर की मार्केटिंग करें उसकी वेबसाइट बना कर जहाँ आप सारी जानकारी ऑनलाइन दे सकें , सोशल मीडिया का इस्तेमाल करें , पेम्पलेट बाटें , फ्री डेमो क्लास और रेफेरल प्रोग्राम चलाएं।
इस तरह दोस्तों आप भी एक सफल व्यक्ति बन सकते हैं और पैसा कमा सकते हैं अपना खुद का ट्यूशन पॉइंट या कोचिंग सेंटर खोल कर। आप इसको और भी आगे ले जा सकते हैं विस्तार करके और दूसरी ब्रांच खोल के और अपना रजिस्ट्रेशन करा के ताकि आपकी विश्वसनीयता और ब्रांड बन सके।